
Haryana News: हरियाणा के यमुनानगर में करीब 11 साल से बंद पडे अंडरपास को अब चालू किया जाएगा। महत्वपूर्ण स्थानों जैसे महाराणा प्रताप चौक (पुराना कमानी चौक) और विश्वकर्मा चौक के बीच पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए, अब एक अंडरपास का निर्माण किया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी ने इस अंडरपास के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है, और इस प्रोजेक्ट पर लगभग 1.06 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस अंडरपास के बनने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लोगों के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित होगा।
दुर्घटनाओं का कारण और समस्या
राहगीरों की सुरक्षा के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब तक के उपायों में सफलता नहीं मिली है। रेलवे ओवरब्रिज (ROB) से उतरते समय वाहन महाराणा प्रताप चौक की ओर बहुत तेज गति से आते हैं, क्योंकि सड़क की ढलान काफी तेज है। इससे सड़क पर अक्सर दुर्घटनाएं होती थीं। इस समस्या से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी ने करीब 100 मीटर के क्षेत्र में दोनों तरफ लोहे की ग्रिलें लगाई थीं, ताकि लोग सड़क के इस हिस्से से न गुजरें। लेकिन यह प्रयोग भी सफल नहीं हुआ।
आयरन ग्रिलों के बावजूद लोग आसानी से उन्हें पार करने लगे और सड़क के दूसरी तरफ आ गए। इसके परिणामस्वरूप बाइक और साइकिल सवार भी दुर्घटनाओं का शिकार होने लगे, क्योंकि वे अचानक सड़क पर आ जाते थे। इस वजह से यह हिस्सा “ब्लैक स्पॉट” बन गया, जहां अब तक दर्जनों दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं।
जगह की महत्ता और दुर्घटनाओं की संख्या
महाराणा प्रताप चौक और रेलवे ओवरब्रिज के बीच के क्षेत्र में कई प्रमुख कालोनियाँ स्थित हैं। इन कालोनियों में विजय कालोनी, कुलदीप नगर और गांधी नगर शामिल हैं, जहां लगभग 50,000 लोग निवास करते हैं। ये लोग दैनिक रूप से औद्योगिक क्षेत्र, सब्जी मंडी, पुराना रादौर रोड, नगर निगम कार्यालय और स्टेशन रोड जाने के लिए इस सड़क का उपयोग करते हैं।
यह सड़क नगर के लिए एक महत्वपूर्ण लाइफलाइन है, क्योंकि इसके माध्यम से शहर के बाहर से आने-जाने वाले वाहन भी गुजरते हैं। विशेष रूप से, कुरुक्षेत्र, पानीपत, करनाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आने-जाने वाली वाहनों की संख्या काफी अधिक है। इस कारण सड़क पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है, और दुर्घटनाओं का सिलसिला बढ़ता जा रहा है।
अब तक इस क्षेत्र में 35 से अधिक लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली गई है, जो इस स्थान को एक दुर्घटना क्षेत्र (ब्लैक स्पॉट) बना चुका है। इस समस्या को गंभीरता से लिया गया है, और इसे हल करने के लिए सरकार और पीडब्ल्यूडी द्वारा एक नई योजना बनाई गई है।
पहले था अंडरपास, लेकिन क्यों हुआ था बंद
इस क्षेत्र में 11 साल पहले एक अंडरपास बना हुआ था, जिससे लोग बिना किसी दुर्घटना के सड़क को पार कर लेते थे। लेकिन समय के साथ, औद्योगिक क्षेत्र की ओर भारी वाहन भी इस अंडरपास से गुजरने लगे, और साथ ही बारिश के पानी का जमा होना भी एक समस्या बन गई। इससे रेलवे ओवरब्रिज को खतरा हो सकता था, इसलिए अंडरपास को बंद कर दिया गया।
सरकार ने 11 साल पहले दोनों ओर दीवार बनाकर अंडरपास को बंद कर दिया था, लेकिन इसके बाद दुर्घटनाएँ बढ़ने लगीं। Amar Ujala ने इस समस्या को कई बार उठाया और सड़क सुरक्षा बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया।
अंडरपास के निर्माण की योजना
अब, इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए पीडब्ल्यूडी ने अंडरपास के निर्माण का निर्णय लिया है। इस अंडरपास का निर्माण रेलवे ओवरब्रिज के नीचे किया जाएगा। अंडरपास बनाने से सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी, क्योंकि लोग अब सड़क पार करने के लिए सुरक्षित तरीके से नीचे जा सकेंगे।
पीडब्ल्यूडी द्वारा इस परियोजना के लिए 1.06 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। टेंडर जारी कर दिए गए हैं और जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी, काम शुरू कर दिया जाएगा। यह कार्य पूरी होने के बाद इस क्षेत्र में लोगों को सड़क पार करने के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका मिलेगा।
PWD के अधिकारियों का बयान
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन पुणीत मित्तल ने बताया कि “अंडरपास के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया के बाद काम की शुरुआत की जाएगी। अंडरपास का निर्माण लगभग 1.06 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह अंडरपास स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा। इस परियोजना की पूरी योजना पहले से ही तैयार की जा चुकी है, और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।
महाराणा प्रताप चौक और विश्वकर्मा चौक के बीच पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनने वाला अंडरपास न केवल सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि लाखों लोगों के जीवन को सुरक्षित भी बनाएगा। पीडब्ल्यूडी द्वारा इस परियोजना पर काम शुरू करने से पहले, दुर्घटनाओं की दर लगातार बढ़ रही थी। अब इस अंडरपास के निर्माण से इस क्षेत्र को ब्लैक स्पॉट से बाहर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए बहुत ही राहत की बात होगी, क्योंकि अब उन्हें बिना किसी खतरे के सड़क पार करने की सुविधा मिलेगी।